'स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण' (Clean India Mission Rural) के तहत गांवों को खुले में शौच से मुक्त यानि ओडीएफ (ODF) करने के लिए चल रही मुहिम को राजस्थान (Rajasthan) में पलीता लगता नजर आ रहा है. हालात ये है कि अभी भी करीब साढ़े 5 लाख से ज्यादा शौचालय (toilet) बनाए जाने बाकी हैं और इस काम को पूरा करने का लक्ष्य (Target) है 15 मार्च. ऐसे में तय सीमा पर ये लक्ष्य हासिल नहीं हुआ तो 2021 की जनगणना में इसका बुरा असर (Bad effect) देखने को मिलेगा.
11 लाख 86 हजार घरों में बनाए जाने हैं शौचालय
प्रदेश में शौचालय निर्माण के लिए पात्र परिवारों की संख्या 11 लाख 86 हजार थी. इसमें से अभी तक केवल 6 लाख 20 हजार परिवारों के यहां योजना के तहत शौचालय बने हैं. जबकि 5 लाख 66 हजार शौचालय अभी भी बनाए जाने बाकी हैं. सरकार 15 मार्च, 2020 तक बचे हुए शौचालय बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है.
2021 की जनगणना में दिखेगा बुरा असर
बीकानेर अव्वल तो बूंदी फिसड्डी
शौचालय निर्माण की रफ्तार में प्रदेश का बीकानेर जिला सबसे आगे हैं, जबकि बूंदी जिला सबसे पिछड़ा हुआ है. राजस्थान में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग फिलहाल इस योजना को अमलीजामा पहनाने में फिसड्डी साबित होता नजर आ रहा है. वहीं स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के निदेशक पीसी किशन कहते हैं कि 15 मार्च तक सभी शौचालय बना दिए जाएंगे. हर जिले का लक्ष्य क्या है और वो कितने शौचालयों का निर्माण कर रहा हैं. इसकी प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जा रही है.